Sunday, October 9, 2011

RAJNEETI

राजनीति - राज या नीती - ना राज ना नीती 
एसा लग रहा है जैसे राजनीति के मायने ही बदल गए हैं कोई भी उठकर किसी को कुछ भी कह देता है और मिडिया अपने अंदाज मैं उसका प्रोमोसन करने लगती है हर चैनल आशाराम बापू ने राहुल को बबलू क्या कह दिया मीडिया को बुरा लग गया ! हर चैनल कह रहा है आशाराम बडबोले हैं ,लोग अन्ना को भी एसा ही कुछ कहरहे हैं !

 मैं भी कांग्रेस का समर्थक रहा हूँ पर बाबा रामदेव के आन्दोलन  के टाइम पर कांग्रेस  का बर्ताब देखकर एसा लगा मनो लोग कुर्सी के लिए ही जी रहे हैं !उस वक्त ना राहुल सामने आये ना सोनिया ने ही कुछ कहा न अन्ना के अनसन के समय इनमें से कोई सामने आया उल्टा राहुल ने एक स्पीच सदन मैं पड़कर पल्ला झाड लिया  उनके स्पीच पड़ने के अंदाज से पता चल गया था की वो कितने पानी में हैं ! मनमोहन सिंह ने भी एसा कुछ नहीं किया जिससे एक पीएम की गरिमा की बातकही जा सके  उस पर आने वाले पीएम  का सपना अब शायद कभी पूरा नहीं होगा क्यों की अब लोकपाल बिल सामने आगया है ! आम आदमी और मीडिया दोनों अच्छी तरह जानते हैं की अन्ना हजारे का जन लोकपाल बिल ही हमें बचा सकता है शायद सरकार के नुमएंदे भी जानते हैं की अब कोई चारा नहीं है मगर स्वीकार करना नहीं चाहते ! महाराष्ट्र कांग्रेस का रालेगन सिध्धि जाना ही इसबात का प्रमाण है !           

          कुछ लोग कहते हैं की टीम अन्ना को आर अस अस का ,भारतीय जनता पार्टी का सपोर्ट है ,तो क्या बे  लोग आम आदमी नहीं हैं  क्या आसमान से टपके हैं क्या बे अन्ना को सपोर्ट नहीं कर सकते ? आर अस अस कोई पोलिटिकल पार्टी नहीं है बह किसीको  भी सपोर्ट कर सकती  है ! भजन लाल कहते हैं अन्ना कांग्रेस को हराकर किसे जितना चाहते हैं , तो मैं बताता हूँ की बे  एक एसा उम्मीदवार  चाहते हैं जिसकी छवि  ख़राब न हो चाहे बो किसी भी पार्टी का हो  पर कांग्रेस को हराना इसलिए जरूरी है क्योंकि बे जन लोकपाल बिल के खिलाफ हैं ! और हारकर शायद कुछ सबक लेले ! मीडिया भी समझले की अगर जन लोकपाल बिल आता है तो सारे मंत्री जेल जायेंगे  इसमें बुराइ  क्या है  कौन नहीं चाहता की उसकी  कमाई उसके और परिबार के काम आये बजाय  सरकार या सरकारी लोग लूट ले  अगर मीडिया या चैनल सरकार का सपोर्ट करते हैं तो या तो बे बीके हुए हैं या चापलूस हैं ! संसद , सरकार या मंत्री की कोई गरिमा नहीं होती , गरिमा होती है आम आदमी की  जिसकी बजह से ये सब होते  है अगर आम आदमी सुखी नहीं होगा तो इनसब का क्या आचार डालेंगे ! 

२०१४ का इलेक्शन तो बहुत दूर है ये जितने भी सरकार के बड़े मंत्री हैं सारे जेल जायेंगे और क्या क्या होगा यह तो वक्त ही बताएगा , इनकी ताजपोशी का जशंन तो हरयाणा के  इलेक्शन के बाद ही मनाया  जायेगा, साबित हो जायेगा  की कांग्रेस कहाँ खड़ी है ! मैं मीडिया से प्रार्थना करता हूँ की बे सच का साथ दे और अपने समाज बा परिवार के हित के विषय में  सोचें  अपने चैनल की झूटी शान के लिए नहीं !     .

                            

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